पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौता (CoP-21) / Paris Climate Change Agreement, 2015
- दिसंबर 2015 में पेरिस में संपन्न जलवायु परिवर्तन समझौते (CoP-21) पर भारत सहित कुल 171 देशोने संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान-की-मून द्वारा आयोजित विशेष समारोह में 22 अप्रैल, 2016 ‘पृथ्वी दिवस’ (Earth Day) के अवसर पर हस्ताक्षर किये.
- भारत की ओर से भारत के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री प्रकाश जावडेकरने हस्ताक्षर किए.
- यह समझौता 12 दिसंबर 2015 को ही स्वीकार किया गया था.
- इस समझौते मे भारत के सभी महत्वपूर्ण चिन्ताओ एवं उम्मीदो का समाधान है.
- ग्रीन हाउस उत्सर्जन में 55% या उससे ज्यादा हिस्सेदारी वाले कम-से-कम 55 देशो द्वारा अनुमोदन की अधिसूचना के 30 दिन बाद ही यह समझौता लागू हो पायेगा.
पेरिस समझौते के महत्वपूर्ण तथ्य:
- यह समझौता विकासशील देशों की अनिवार्यताओं को स्वीकारता है और विकास के लिए विकासशील देशो के विकास के अधिकारो एवं पर्यावरण के साथ विकास को मान्यता देता है.
- अपनी प्रस्तावना में ही यह जलवायु न्याय को स्वीकार करता है और सतत जीवन शैली तथा विकासशील देशों के साथ उपभोग की सतत प्रणाली के महत्व को भी स्वीकारता है.
- समझौते का उदेश्य: यह सुनिश्चित करना कि यह समग्र केन्द्रिक नहीं है तथा अनुकूलनता, नुकशान और क्षति, वित्त, प्रौद्योगिकी, क्षमता-निर्माण तथा कार्यान्वयन की पारदर्शिता व सहयोग शामिल है.
- विकसित देशोंं से 100 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता के लक्ष्य को वर्ष 2020 तक प्राप्त करने के आह्वान के साथ संपूर्ण रोड मैप इसमें निर्धारित है.
यह भी देखें: मैरीटाइम इण्डिया समिट, 2016
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